Monday, December 19, 2016

भारत गौरव गान

राष्ट्र  जागरण - अस्मिता गान..

मतयगंद छंद 'आहुति' महाकाव्य से ....
महाकवि डॉ. बृजेश सिंह

राष्ट्र  जागरण - अस्मिता गान

राम की कृष्ण की पावन गाथा
  लसी हर गांव की माटी यहाँ है |
अर्जुन-भीम के शस्त्र की तीक्ष्ण
  प्रलम्ब रही परिपाटी यहाँ है |
राणा-शिवा-इतिहास लिए निज
  अंक खड़ी हर घाटी यहाँ है |
धारण की बसुधा ने सदा रण-
  रक्त रँगी शुचि शाटी यहाँ है ||

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